स्मृतियों का मनुष्य के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान हैं । स्मृतियों की रचना के पीछे ऋषि मुनियों का यह ध्येय था कि मनुष्य अपने धर्म को समझ सके और उसके अनुसार शुद्ध आचरण करे। मनुष्य अपने जीवन में पाप-पुण्य, नीति-अनीति को पहचानने का विवेक प्राप्त कर सके तथा मनुष्य अपने जीवन में देव, पितृ, मातृ और गुरू आदि के प्रति अपने कर्तव्यों को समझें और उन सबके प्रति अपने कर्तव्यों का भली-भांति... https://www.blazingfacts.com/athaarah-smrtiyon-ka-parichay/