जनकसुता हरि दास कहावो, ताकी शपथ विलम्ब न लावो । ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ हनुमान गायत्री मंत्र का अर्थ और महत्व नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ • Hanuman's powers are additional amplified by https://vashikaranspecialist38035.bloginder.com/33419709/the-definitive-guide-to-hanuman-mantra